संस्मरण >> पं. दीनदयाल उपाध्याय : स्मृति मंजूषा पं. दीनदयाल उपाध्याय : स्मृति मंजूषाडॉ. श्याम बाबू गुप्त
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पं. दीनदयाल उपाध्याय : स्मृति मंजूषा
अनुक्रमणिका
खण्ड-क
1. पं. दीनदयाल उपाध्याय : आदर्श सेवक - डॉ. नीलम त्रिवेदी
2. एकात्मवाद के प्रवर्तक : पं. दीनदयाल उपाध्याय - डॉ. इन्दु यादव
3. पं. दीनदयाल उपध्याय का एकात्म मानववाद - डॉ. पप्पी मिश्रा
4. पं. दीनदयाल उपाध्यायः एकात्म मानव दर्शन तथा आर्थिक विचार - प्रेरणा शुक्ला
5. अन्त्योदय से ग्रामोदय - डॉ. अनोखे लाल पाठक
6. पं. दीनदयाल उपाध्याय जी का एकात्म मानव दर्शन एवं शिक्षा सम्बन्धी विचारों की वर्तमान समय में प्रासंगिकता - डॉ. रश्मि गोरे एवं अम्बिका सिंह
खण्ड-ख
7. वर्तमान शिक्षा व्यवस्था- समस्या व निदान - डॉ. मीता अरोरा
8. वर्तमान शिक्षा व्यवस्था- समस्या व निदान - डॉ. अंजू अवस्थी
9. वर्तमान शिक्षा व्यवस्था- समस्या व निदान - दिव्या मिश्रा
10. वर्तमान शिक्षा व्यवस्था की समस्याओं के निदान में श्रीमद्भगवद्गीता की उपयोगिता - अंजू वर्मा
11. उच्च शिक्षा का वर्तमान परिदृश्य समस्याएं एवं समाधान - डॉ. राकेश शुक्ल
12. वर्तमान शिक्षा व्यवस्था : समस्या व निदान - डॉ. सुषमा कमल
13. वर्तमान शिक्षा व्यवस्था : समस्या व निदान - डॉ. आरती बाजपेयी
14. वर्तमान शिक्षा व्यवस्था - डॉ. मीना सिंह गौर
15. शिक्षा और एकात्म मानववाद - डॉ. सुनीता सिंह
16. मैथिलीशरण गुप्त की कृतियों में मानवीय मूल्य की शिक्षा - डॉ. मंजुला श्रीवास्तव
17. Digital Learning Technologies in Higher Education: Reconceptualising Teaching-hearning - Dr. Anshu Yadav & Mr. Ravi Shanker Tewari
18. Contemporary Education System : Problems And Solutions - Arti Gupta
19. संस्कृत एवं मूल्य विहीन व्यवस्था - वेदना दीक्षित
खण्ड-ग
20. वाल्मीकि की दृष्टि में आदर्श दाम्पत्य जीवन के सूत्र - डॉ. आशारानी पाण्डेय
21. पतनोन्मुख समाज के उत्थान में वाल्मीकि रामायण की प्रासंगिकता - डॉ. पूजा श्रीवास्तव
22. वाल्मीकि कृत रामायण की वर्तमान समय में प्रासंगिकता - रोहित ओमर
23. वर्तमान समय में वाल्मीकि रामायण की प्रासंगिकता (नारी सशक्तिकरण के सन्दर्भ में माँ सीता के चरित्र की विवेचना) - डॉ. परमजीत कौर
24. वाल्मीकी रामायण और पर्यायवरण जागरूकता - शक्ति दीक्षित एवं डॉ. गौरव राव
25. वर्तमान संदर्भ में वाल्मीकि कृत रामायण की प्रासंगिकता - डॉ. सीता शुक्ला
26. सामाजिक एवं चारित्रिक मूल्यों के प्रतिस्थापन में रामायण के अनुशीलन का महत्व - डॉ. रत्ना तिवारी एवं रवि शंकर तिवारी
27. वर्तमान संदर्भ में वाल्मीकी रामायण की प्रासंगिकता - डॉ. सुमन सिंह
28. वाल्मीकि रामायण में नारी वर्तमान परिवेश में - डॉ. संध्या ठाकुर
29. वाल्मीकीय रामायण में वर्णित मानवीय मूल्यों की प्रांसगकिताः भारतीय सम्प्रत्यय के संदर्भ में - दिव्या त्रिपाठी
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